
X-Ray Diffraction विधि द्वारा कोशिकाओं (Cells) में उपस्थित
विभिन्न बायोमॉलिक्यूलस ( Biomolecules ) की संरचनाओं
(Structures) की विस्तृत जानकारी (Detailed
information) प्राप्त होती है.
X-Ray Diffraction हिंदी में
सामान्यतः इस विधि द्वारा विभिन्न प्रोटीन्स (Proteins),
एन्जाइम्स (Enzymes) तथा DNA के डबल हेलिकल
(Double helical) की प्रकृति (Nature) एवं
विस्तृत संरचना का अध्ययन किया जाता है.
About X-Ray Diffraction
शरीर में होने वाली विभिन्न जैव रासायनिक क्रियाओं
(Biochemical reactions) के अन्तर्गत, दीर्घ अणुओं के
मध्य होने वाली अभिक्रियाएँ ( Macromolecular reactions)
की जानकारी, कम अणुभार वाले अणुओं के मध्य
होने वाली अभिक्रिया विधियों के आधार पर ज्ञात होती थी.
वर्तमान में X-रे क्रिस्टेलोग्राफी (X-ray crystallography)
के द्वारा इन अभिक्रियाओं का एक चित्रिय निरूपण
(Pictorial impression) प्राप्त किया जाता है जिसका उपयोग
विभिन्न पदार्थों के रासायनिक विश्लेषण
(Chemical analysis) में किया जाता है.
x-रे डिफरेक्शन विधि द्वारा विभिन्न पदार्थों का
संरचनात्मक विश्लेषण
( Structural analysis with X-ray
diffraction )
(1) प्रोटीन क्रिस्टल्स (Protein Crystals) X-Ray Diffraction
ग्लोब्यूलर प्रोटीन्स (Globular proteins) लगभग
गोलाकार (Approximately) या अण्डाकार (Ellepsoids)
होते हैं.
इन प्रोटीन्स के गोलाकार समूह में अनेक छोटे गोलक
(Spheres) होते हैं तथा अनेक गोलकों के मध्य छोटे
अवकाश (Spaces) पाए जाते हैं, जो कि स्फेरिकल व्यास
(Spherical diameter) में बढ़ने के साथ ही बढ़ते जाते हैं.
Crystal package
इन प्रोटीन्स के क्रिस्टल पैकेज (Crystal package) में
प्रोटीन्स अणुओं के बीच कुछ बड़े अवकाश स्थान (Large
empty spaces) पाए जाते हैं, जोकि मूल द्रव (Mother
liquor) द्वारा भरे होते हैं. इनमें प्रोटीन्स के अणु एक दूसरे से
एक नेटवर्क स्रोत (Network source) द्वारा सम्पर्क में होते
हैं. इनमें प्रोटीन पदार्थ (Protein substance) तथा मदर
लिक्वर. (Mother liquor) के मध्य 1: 1 का अनुपात होता
है. क्रिस्टल में से एक अणु के पृथक होने पर इनकी संरचना
परिवर्तित हो जाती है. यह क्रिया मदर लिक्वर (Mother
liquor) के सूखने से क्रिस्टल की आन्तरिक सतह में उत्पन्न
एक डीफार्मिंग फोर्स (Deforming forces) द्वारा होती है.
इन प्रोटीन क्रिस्टल (Protein crystals) की संरचना का
विस्तृत विश्लेषण (Analysis) X-ray डिफरेक्शन विधि द्वारा
किया जा सकता है.
इस विधि में प्रोटीन क्रिस्टल्स को ग्लास कैपीलरी
(Glass capillary) में फिक्सिग (Fixing) करके इसे डिफ
रेक्टोमीटर (Differectometer) में रखा जाता है, जिसे एक
शक्तिशाली प्रकीर्णित प्रकाश किरणों (Stronger scattered
rays) में समायोजित (Adjusted) किया जाता है.
इसके पश्चात् इन किरणों (Rays) की तीव्रता (Intensity)
में विचलन (Differaction) को मापा जाता है तथा इस
आधार पर प्रोटीन के क्रिस्टल्स का अध्ययन किया जाता है.
(2) तन्तुमय संरचनाओं का अध्ययन
(Fibrillar Structures)
तन्तुमय संरचना (Fibrillar structures) कुछ पेप्टाइड
शृंखलाओं (Peptide chains) एवं न्यूक्लिक एसिड शृंखलाओं
(Nucleic acid chains) में पाई जाती है.
इन पदार्थों को एक सिंगल क्रिस्टल (Single crystal)
के रूप में क्रिस्टेलाइज (Crystallize) नहीं किया जा सकता,
किन्तु इनके तन्तुमय (Fibrillar) होने के कारण इन्हें तन्तुमय
अक्ष (Fibrous axis) के चारों ओर व्यवस्थित (Arrange)
किया जा सकता है. इसके , पश्चात इनमें एक व्यवस्थित क्रिप्टल
का अध्ययन X-ray diffraction द्वारा किया जाता है,
(3) पेप्टाइड शृंखला (Peptide Chains)
X रे डिफ्रैक्शन (X-ray diffraction) विवि द्वारा
अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि हेलिकल पेप्टाइड स्टैंड्स
(Helical peptide strands) के अन्तर्गत इनके हेलिकल
स्टैंड्स की संरचना, विभिन्न बायोजेनिक दीर्घ अणुओं
(Biogenic macro molecules) में भिन्न भिन्न पाई जाती है
जैसे-प्रोटीन (Protein) का सिस विन्यास (Cis –
Confuguration), अल्प मात्रा में क्वाइल्ड हेलिकल संरचना
को प्रदर्शित करता है।
( Slightly coiled helical structure )
इसी प्रकार कोलाजेन प्रोटीन ( Collagen Protein)में
3 कुण्डल( Helicles) एक दूसरे से लिपटे (Twisted )
हुए दिखाई देते हैं।
वाईरसेस ( Viruses) का अध्ययन
वायरल क्रिस्टल( Viral crystals ) का संरचनात्मक
विश्लेषण (Structural analysis ) उनमे उपस्थित सीमेट्रिकल
वायरल प्रोटीन ( Symmetrical viral protein )संरचनाओ
के निर्धारण ( Determination )द्वारा किया जाता है।