हमारे कुछ प्रश्न होंगे VVPAT क्या है इसकी उपयोग की आवश्यकता क्यों पड़ी इन्ही सभी बातों को हम समझने का प्रयास करेंगे
VVPAT-voter-verified paper audit trail
full form VVPAT-voter-verified paper audit trail हिंदी में इसका फुल फॉर्म वोटर वेरिफाईएड पेपर ऑडिट ट्रेल यानि यह एक मशीन या प्रिंटर है जिसे VVPAT मशीन कहते है। यह Evm के साथ जोड़ा जाने वाला यन्त्र है।
VVPAT क्या है
हमने ऊपर में VVPAT का फुल फॉर्म बताया है इसे VPR या verified paper record भी कहा जाता है। इस मशीन के जरिये मतदाता अपने दिए गए मत को स्वयं प्रमाणित करता है व सुनिश्चित करता है की जिसे वोट दिया है उसे ही उसका मत मिला है। चुनाव के दौरान चुनाव अधिकारी जब उसे बैलेट इशू करता है तो मतदान के दौरान VVPAT मशीन के विंडो में लगभग कुछ सेंकेंड के लिए पर्ची दिखता है और नीचे बने बॉक्स में इकट्ठा हो जाता है।
- निर्वाचन आयोग के नियमानुसार पर्ची को मतदाता को नहीं दिया जाता।
- पर्ची में उम्मीदवार का नाम व चुनाव चिन्ह छपा होता है
- इसका प्रमुख उद्देश्य चुनाव की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।
VVPAT की आवश्यकता
कई राजनितिक दलों द्वारा Evm मशीन की प्रमाणिकता पर संदेह व्यक्त करने पर न्यायालय ने चुनाव के दौरान VVPAT मशीन
को अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश चुनाव आयोग को दिए गए ।
इसका प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 2014 से लागु किया गया था जिसमे लखनऊ ,गांधीनगर ,बेंगलुरु दक्षिण ,चेन्नई मध्य ,
जाधवपुर ,रायपुर ,पटना साहेब तथा मिजोरम के निर्वाचन छेत्र थे लेकिन पूरी तरह से इसका उपयोग 2018 -2019 के विधान सभा
,लोकसभा चुनाव के दौरान किया गया। इन( Evm )Electronic voting machine को m3 संस्करण भी कहा जाता है जिसके
साथ VVPAT को जोड़ा जाता है।
इसका सर्वप्रथम उपयोग 2013 में नोकसेन नागालैंड में किया गया था
यह मशीन का डिज़ाइन 2013 में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त
प्रयास से तैयार किया गया था
मतगणना के दौरान सभी VV PAT की पर्ची का मिलान नहीं किया जाता है।
जिस पर सवाल भी उठाया जाता है। विवाद की स्थिति आने पर ही उसपर गणना किया जा सकता है पर इसका निर्णय चुनाव आयोग
अपने स्वविवेक से करता है जिससे बहुत कम ऐसी स्थिति बनी है।
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