हिंदी में निबंध (Nibandh) दिवाली निबंध (Short Essay in Hindi on Diwali) , होली निबंध (Short Essay in Hindi on holi ) कक्षा 4 ,5 ,6 ,7 ,8 Short Essay for class -4 ,5 ,6 ,7 ,8 अलग अलग 18 टोपिक पर हिंदी निबंध
हिंदी निबंध-Short Essay in Hindi
Short Essay list –महात्मा गाँधी ,स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस ,होली ,दीवाली ,किसान ,खेल का महत्व,डाकिया
लोकनायक जयप्रकाश नारायण ,राष्ट्रीय झंडा ,बसंत ऋतू ,सरस्वती पूजा ,घर ,कुत्ता ,हाथी ,घोड़ा,गाय इत्यादि
1. महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi Essay )
महात्मा गाँधी को हम भारतवासी प्यार एवं श्रद्धा से ‘बापू’ भी कहते हैं। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है।
करमचन्द गाँधी इनके पिता का नाम था और माँ का नाम पुतलीबाई । बापू का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 ई० को पोरबन्दर (गुजरात) में हुआ था।
बापू की प्रारम्भिक शिक्षा पोरबन्दर में हुई। वे 1886 ई० में कठियाबाड़ हाई स्कूल से इण्ट्रेस की परीक्षा पास कर कानून पढ़ने के लिए इंगलैंड गये ।
वे बैरिस्टर बनकर 1891 ई० में भारत लौटे
और बम्बई हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। वे एक मुकदमे की पैरवी में दक्षिण अफ्रीका गये और 1914 ई० में भारत लौटे।
बापू से भारत की स्वतन्त्रता के लिए आन्दोलन किये । ये भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत बार जेल गये ।
स्वतन्त्रता-संग्राम में उन्हें जनता का भरपूर सहयोग मिला। अतः ये राष्ट्रपिता के नाम से प्रसिद्ध हुए।
नाथूराम गोड्से ने 1948 ई० में 30 जनवरी को महात्मा गाँधी की हत्या कर दी।
2. गाय (Cow Short Essay in Hindi )
गाय संसार में लगभग सब जगह ‘पायी जाती है। गाय एक चौपाया जानवर है ।
यह काली, लाल, उजली, चितकबरी आदि अनेक रंगों एवं नस्लों की होती है।
भारत में लगभग सात करोड़ गायें पाली जाती हैं।
इनमें शाहीवाल, सिंधी और हरियाणवी नस्ल की गायें बहुत दुधारू होती है ।
गाय बहुत सीधी होती है। यह घास-भूसा और खल्ली-चोकर खाती है ।
वह दूध देती है। इसक दूध से छेना, दही, मक्खन आदि तैयार किये जाते हैं।
यह स्वास्थ्य के लिए बहत लाभदायक है ।
गोबर, गौ-मूत्र भी दवा के काम में आता है । इसके बछड़े बड़े होकर हल और गाड़ी खींचते हैं।
यह मरकर भी हमें लाभ पहुँचाती है । इसके खाल से जूते और बैग बनाये जाते हैं।
इसके हड्डियों से खाद तैयार की जाती है। हिन्दु इसे गौ-माता कहते हैं और पूजते हैं।
3 .मेरा विद्यालय (My School Essay in Hindi )
मैं अपने गाँव मुडपार(कांकेर) के विद्यालय में पढ़ने जाता हूँ।
यहाँ प्रथम से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाती है ।
इस विद्यालय में दो सौ छात्र-छात्राएँ एवं पन्द्रह अध्यापक-अध्यापिकाएँ हैं।
मैं कक्षा पाँचवीं में पढ़ता हूँ। यहाँ पर कई विषयों की शिक्षा दी जाती है।
इस वर्ष इस विद्यालय में निर्धन छात्रों के रहने के लिए दस नये कमरे बनवाये गये हैं।
हमलोग सादा कपड़े पहनते हैं। हमारे प्रधानाध्यापक सुयोग्य एवं अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं।
ये सदैव गरीब विद्यार्थियों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं।
4 . घोड़ा (Horse Essay in Hindi)
घोड़ा चौपाया और पालतू जानवर है। यह उजला, काला, भूरा, अलवर आदि अनेक रंगों का होता है।
सिंधी और अरबी घोड़े बहुत ही सुन्दर, मजबूत और तेज होते हैं।
घोड़े के कान खड़े और खुर फटे होते हैं। इसके पूँछ के बाल लम्बे और घने होते हैं।
इसके गर्दन पर भी बड़े और घने बाल होते हैं । यह हरी घास, भूसा और चना बहुत पसन्द करता है ।
घोड़ा मनुष्य के लिए बहत लाभदायक है। यह गाड़ी खींचता और बोझा ढोता है।
घोड़े की सवारी एक अच्छा व्यायाम है। इसकी सवारी आनन्ददायक होता है।
वह अपनी टाँगों और दाँतों से शत्रु पर आक्रमण करता है। यह अपनी स्वामीभक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
इसकी हिनहिनाहट जोरदार होती है।
5 . हाथी (Essay on Elephant in Hindi)
हाथी एक विशालकाय चौपाया जानवर है। यह काले एवं सफेद रंग का होता है।
पुराने जमाने में इसे युद्ध में सवारी के काम में लाया जाता था ।
इसकी विचित्रता इसकी लम्बी सुंढ से, बाहर के दो बड़े नुकीले दाँतों से, लटकदार कानों तथा छोटी आँखों से झलकती है।
यह सुंढ से भोजन और पानी उठाकर मुँह में डाल लेता है । इसके बाहर के दाँत शत्रु से इसकी रक्षा करते हैं।
– हाथी भारत, बर्मी, लंका आदि देशों के जंगलों में पाया जाता है। वह पेड़ की टहनियाँ, पत्ते, धान, ईख, घास, रोटी, चावल खाता है।
यह बहुत पालतू और मिलनसार होता है। यह सवारी के काम में लाया जाता है।
यह परिश्रमी और स्वामीभक्त भी होता है। हाथी की. हड्डियाँ और दाँत बहत कीमती होते हैं।
6 . कुत्ता (Dog Short Essay in Hindi)
कुत्ता एक पालतू एवं चौपाया जानवर है। यह सभी देशों में पाया जाता है ।
यह काला, उजला, लाल, चितकबरा आदि अनेक रंगों का होता है।
इसके दाँत और नाखुन पैने होते हैं और पूंछ टेढी होती है।
स्थान के अनुसार इसके आकार-प्रकार में बहुत अन्तर होता है ।
इसके सूंघने की शक्ति बड़ी तीव्र होती है। यह सूंघकर अपने शत्रु का पता लगा लेता है ।
बुलडॉग और हाउंड जाति के कुत्ते बड़े बहादुर होते हैं।
कुत्ता मांसाहारी होता है, लेकिन यह चावल-रोटी खाकर संतुष्ट हो जाता है ।
इसकी नींद धीमी आवाज से भी टूट जाती है। इसलिए यह पहरेदार का काम बहुत मुस्तैदी से करता है।
यह स्वामीभक्त होता है । यह अपनी जान देकर अपने स्वामी की रक्षा करता है ।
यह मनुष्य का एक सच्चा साथी है।
7 . डाकिया -पोस्टमैन (Postman Essay in Hindi)
पत्रवाहक का नाम सुनकर लोग चौंक पड़ते हैं, किन्तु पोस्टमैन को सभी जानते हैं।
वह रोज हमारे बीच आता है तथा हमारी चिट्ठियाँ, मनीऑर्डर रजिस्टी आदि दे जाता है।
यह डाकखाने जाना-माना कार्यकर्ता है । इसे सरकार से वेतन मिलता है।
इसकी पोशाक खाकी रंग का होता है। इसकी सेवाएं बड़ी सराहनीय एवं उपयोगी होते हैं।
यह जनता का सच्चा साथी है।
8 . किसान (farmer Essay in Hindi)
किसान गाँवों में रहते हैं । इनके छोटे-छोटे घास-फूस के बने मकान होते हैं।
ये अपने खेतों को मेहनत से जोतते है ताकि भूमि की उपजाऊ-शक्ति बढ़ जाय ।
जब खेत बोने योग्य तैयार हो जाता है तब ये उसमें बीज बोते हैं ।
उसको समय-समय पर देख-रेख करके तथा निकाई करके अपने परिश्रम को सफल बनाते हैं ।
जब फसल पक कर तैयार हो जाती है, तब उसे काटकर खलिहान में लाते हैं ।
बैलों की सहायता से मढाई करके उसके दाने अलग कर लेते हैं। अनाज उगाकर देश की सेवा करते हैं ।
भूसा गाय-बैलों को खाने के लिए रख लेते हैं। इस प्रकार, वे अन्न पैदा करके राष्ट्र की समृद्धि बढ़ाते हैं। ह
मारे देश का भविष्य किसानों के बल पर ही है।
9 . घर (Ghar Essay )
मेरा घर एक निश्चित स्थान पर है। जहाँ मेरा घर है, वह गाँव महानन्दपुर है ।
मेरा घर सड़क के निकट है। पास ही खेल का एक मैदान तथ पार्क है ।
इस पार्क में सुन्दर-सुन्दर फल लगाये गये हैं। मेरे घर में बड़ा आँगन है।
उसके तीन ओर छोटी-छोटी क्यारियाँ बनी हुई हैं, जिनमें धनियाँ, मूली आदि बो दिया जाता है।
मैं अपने घर में प्रेमपूर्वक रहता हूँ। मैं भाइयों तथा बहनों के साथ मिल-जुलकर रहता हूँ।
मेरे घर में कभी किसी से लडाई-झगड़ा नहीं होता है । हमलोग सदैव प्रसन्न रहते हैं।
इस प्रकार हमारा घर स्वर्ग के समान है।
10 . खेल का महत्त्व (Importance of Sport Essay )
प्रात:काल से शाम तक परिश्रम करने वाला व्यक्ति थक जाता है।
थके हुए व्यक्ति में शक्ति लाने के लिए मनोरंजन का साधन खेल है। सीमा से अधिक प्रत्येक कार्य हानिकारक होता है।
खेल के द्वारा हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। एक स्थान पर बैठे रहने के कारण स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
खेल कई प्रकार के होते हैं; जेसे-कबड्डी, फुटबॉल, बॉलीबॉल इत्यादि में सभी खेल हमलोगों के विद्यालय में सीखाने वाले प्रशिक्षक हैं।
किसी-न-किसी प्रकार का खेल अवश्य खेलना चाहिए।
11 . पन्द्रह अगस्त : स्वतन्त्रता दिवस-(Independence Day Essay in Hindi)
15 अगस्त भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। स्मरण है कि भारतवर्ष, 1947 ई० में 15 अगस्त को ही सदियों की परतन्त्रता से मुक्त हुआ।
यह भारतीयों के खुशी का दिन है।
स्वतंत्रता दिवस का एक इतिहास है। 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने भारत को पराधीन कर दिया तब से भारतीय स्वतन्त्रता के छिट-पुट संग्राम होते रहे हैं ।
सर्वप्रथम, 1857 ई० में स्वतन्त्रता की पहली लड़ाई हुई। अंग्रेजों ने इसे सिपाही-विद्रोह का नाम दिया। किन्तु यह भारतीय स्वतन्त्रता- संग्राम का एक प्रारूप ही था ।
सन् 1921 ई० से महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतन्त्रता-संग्राम आरम्भ हुआ।
हजारों नेता वर्षों तक जेल में रहे । हजारों व्यक्त्यिों का बलिदान हआ। हजारों-लाखों लोगों ने आन्दोलन मैं भाग लिया ।
भीषण आपदाओं को झेलने के बाद भारत 15 अगस्त, 1947 ई० को आजाद हुआ।
15 अगस्त एक राष्ट्रीय त्योहार है। प्रत्येक त्योहार में किसी विशेष समुदाय या क्षेत्र में उल्लास का वातावरण रहता है लेकिन इस
दिन तो सारा भारत ही उल्लास से भर जाता है।
इस देश में सभी शिक्षण-संस्थाओं तथा राजकीय संस्थाओं के प्रांगण में झण्डोतोलन होता है ।
झण्डे को फौजी सलामी दी जाती है । 15 अगस्त को राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री अपने देशवासियों के लिए संदेश प्रसारित करते हैं।
15 अगस्त को राज्य की राजधानियों में भिन्न-भिन्न प्रकार के समारोह होते हैं। 15 अगस्त का महत्त्व अपार है। 15 अगस्त को हमेशा याद रखा जायेगा।
यह कुर्बानियों का स्मरण-दिवस है। इस दिन देश की आजादी की रक्षा का पुनः संकल्प लेते हैं।
15 अगस्त का संदेश हमारे लिए जीवन-मरण का संदेश है। यह राष्ट्र के नवनिर्माण की तिथि है ।
इसे स्मरण रखना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है।
12. 26 जनवरी : गणतंत्र-दिवस (Republic Day Essay )
यद्यपि हमारा देश 15 अगस्त, 1947 ई० को स्वतंत्र हो गया किन्तु उस समय इसका अपना संविधान नहीं था।
यहां गणतंत्र नहीं था। 26 जनवरी, 1950 ई० को अपना संविधान लागू किया गया। तभी से प्रत्येक वर्ष हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं ।
यह हमारा राष्ट्रीय त्योहार है।
26 जनवरी को ही गणतंत्र-दिवस के लिए क्यों चुना गया ? इसके पीछे भी एक इतिहास है ।
26-जनवरी, 1929 ई० को लाहौर के रावी नदी के तट पर कांग्रेस अधिवेशन में हमारे नेताओं ने पूर्ण स्वराज्य-प्राप्ति का प्रस्ताव पास किया था।
इसलिए यह तारीख महत्वपूर्ण बन गया ।
पूरे देश में इस राष्ट्रीय त्योहार को धूम-धाम से मनाया जाता है।
स्थानीय लोग अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभात-फेरियाँ निकालते हैं। विद्यालयों, कॉलेजों तथा सरकारी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराया जाता है और मिठाइयाँ बाँटी जाती है।
दिल्ली में विजय चौंक पर राष्ट्रपति झडोत्तोलन करते हैं। वहाँ का समारोह तो बस देखते ही बनता है।
विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं।
तरह-तरह की झाकियाँ निकाली जाती है। इस दिन हम अपने शहीदों का स्मरण करते हैं।
साथ ही, अपने दिवंगत नेताओं को भी याद करते हैं जिन्होंने देश की बलिवेदी पर अपनी आहूति चढ़ा दी।
यह त्योहार हमें देशप्रेम का पाठ पढ़ाता है।
13. लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jaiprakash Narayan Essay )
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की हम लोग संक्षेप में जे० पी० के नाम से जानते हैं।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर, 1902 ई० को सारण (अब सिवान) जिला के सिताबदियारा गाँव में हुआ था
। ये बचपन से मेधावी छात्र थे । मैट्रिक पास करने के बाद इन्होंने कॉलेज में प्रवेश किया।
उसी समय गाँधी जी की पुकार पर इन्होंने अध्ययन छोड़ दिया और सक्रिय राजनीति में उतर गये।
बाद में बिहार विद्यापीठ से इन्होंने विज्ञान विषय से इण्टरमीडिएट पास किया।
फिर स्नातक और स्नातकोतर की शिक्षा पूरी कर उच्च शिक्षा के लिए वे विदेश चले गये ।
विदेशों में इन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया और सात वर्षों के बाद अपने देश लौटे ।
विदेश में रहते हुए इन्होंने मार्क्सवाद का अध्ययन किया और वे मार्क्सवाद के विचारों से बहुत प्रभावित हए ।
किन्तु सारण लौटने पर गाँधीजी के विचारों से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हो गये।
इन्होंने चम्बल के खुंखार डाकुओं को सशस्त्र समर्पण करा राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ कर जीवन-यापन की प्रेरणा दी।
सन् 1974 की क्रांति के अग्रणी नायक अपनी सम्पूर्ण क्रांति के नारा के लिए प्रसिद्ध हैं।
14. होली (Short Essay in Hindi on Holi )
होली हिन्दुओं का एक पवित्र पर्व है । होली का उत्सव चैत्र महीने की पहली तिथि को मनाया जाता है ।
फाल्गुन की पूर्णिमा को रात में होलिका जलायी जाती है। प्रातःगलियों और नलियों की सफाई की जाती है ।
सफाई का दृश्य बहत सुंदर होता है । रंग गुलाल ,धुल उड़ाई जाती है कीचड़ -गोबर उछाले जाते हैं।
घर-घर में पकवान बनाये जाते हैं। सब लोग नहा-धोकर नया वस्त्र धारण करते हैं। पकवान खाते हैं और होली का उत्सव मनाते हैं।
चार बजे जवान, बूढे और बच्चे सब मिलकर एक जगह पर बैठते हैं। एक-दूसरे को रंग-अबीर की बौछार करते हैं।
पान-मशाला देते हैं और फाग-राग गाते हैं। सब लोग गाते-बजाने गलियों से निकलते हैं।
और घर-घर जाकर होली का उत्सव मनाते हैं।
15. हमारा राष्ट्रीय झण्डा (National flag short Essay in Hindi)
राष्टीय झण्डा अपने राष्ट्र का गौरब-चिह्न है। यह तिरंगा और आयताकार है।
यह केसरिया उजले और हरे रंग की पट्टियों के मेल से बना है।
इन रंगों का एक खास महत्व है। इनके बीच एक चक्र है।
केसरिया रंग साहस और त्याग का प्रतीक है। सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की पहचान है।
हरा रंग विकास का प्रतीक है। चक्र राष्ट्र को गतिशील रहने का सन्देश देता है।
इस प्रकार हमारा राष्ट्रीय झंडा लहरा-लहराकर साहस, त्याग, सच्चाई, शांति, पवित्रता, विकास, विश्वास और गतिशीलता का सन्देश भरता रहता है।
राष्ट्रीय झंडा के आदर-सम्मान के नियम है। भारत सरकार के कार्यालय के सबसे ऊँचे भाग पर राष्ट्रीय झंडा लहराता रहेगा।
राष्ट्रीय पर्वो के दिन सार्वजनिक स्थानों और निजी मकानों पर इसे फहराया जा सकता है।
सरकार के आदेश से शोक प्रकट करने के लिए झंडा आधा झुकाया जाता है।
16. बसंत ऋतु (Basant Ritu Essay )
इस ऋतु में न अधिक सर्दी पड़ती है औन न अधिक गर्मी । इस ऋतु में मनुष्य आनन्दमय रहता है।
किसान इस ऋतु में गेहूँ, जौ आदि अनाजों से पूर्ण खेतों को देखकर प्रसन्न होता है।
फली-फूली सरसों का रंग हृदय में उत्साह भरता है। यह ऋतु सब ऋतुओं का राजा होता है।
चारों ओर हरियाली तथा सभी पशु-पक्षी एवं मनुष्य सुखी रहते हैं। इस ऋतु में बहने वाली हवा जीवन देनेवाली होती है ।
पृथ्वी सरसों के फूलों की पीली साड़ी पहले मालूम होती हैं और पलास के फूलों की क्यारियाँ हंसती दिखाई देने लगती है।
17. दीपावली (Diwali Essay in Hindi)
यह त्योहार-बड़ा आनन्द का है । दीपावली के दिन लोग नये कपड़े तथा आभूषण पहनते हैं।
प्रात:काल से ही बालक, बूढ़े, जवान आदि किसी-न-किसी कार्य में लगे दिखाई देते हैं।
कोई मकान को सजाता है, तो कोई दुकान को; कोई चित्र टाँगता है, तो कोई खिलौने को टेबल पर सजाता है।
मिठाइयाँ आदि की दुकानें तो बड़ी सुन्दर मालूम होती है । व्यापारी लोग उसी दिन बही-खाता शुरू करते हैं ।
शाम को प्रत्येक घर में लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्तियों की पूजा होती है।
धान के खील तथा शक्कर के खिलौनों को मिल-बाँटकर खाया जाता है।
18. सरस्वती-पूजा (Saraswati Puja Essay in Hindi)
सरस्वती-पूजा माघ महीने में होती है। सरस्वती विद्या की देवी है। इसलिए विद्यार्थी और कलाकार सरस्वती पूजा बड़ी धूम-धाम से करते हैं ।
वसंत पंचमी के कुछ दिन पहले से ही विद्यार्थी और कलाकार सरस्वती-पूजा की तैयारी में लग जाते हैं।
कलाकार देवी सरस्वती की सुन्दर मूर्तियाँ बनाते हैं। विद्यार्थी सरस्वती की मूर्ति चतुर्थी की रात्रि में ही खरीद लाते हैं।
सुन्दर ढंग से सजे मण्डप में मूर्ति रखी जाती है। पंचमी को शिक्षण-संस्थाएँ बन्द रहती है ।
शिक्षक और विद्यार्थी उत्साहपूर्वक पूजा में भाग लेते हैं । मूर्ति को प्रतिष्ठा और पूजा विधिवत् की जाती है।
प्रतिमा की पूजा के पश्चात् एक-दूसरे का अबीर-गुलाल लगाते हैं और प्रसाद-वितरण करते हैं। शाम को भी प्रतिमा की पूजा-आरती की जाती है।
गाने-बजाने का कार्यक्रम सारा दिन और सारा रात चलता है। दूसरे दिन शाम क विद्यार्थी ‘सरस्वती-माँ की जय’ बोलते हैं
और गाते-बजाते किसी जलाशय के पास जाते हैं और मूर्ति का विसर्जन करते हैं।