परिवीक्षा अधिकारी की परिभाषा कीजिये तथा उसके क्या-क्या अधिकार व कर्त्तव्य होते हैं? Define Probation Officer in Hindi ? What are the right and duties of Probation Officer in Hindi ?
परिवीक्षा अधिकारी की परिभाषा Probation Officer Definition in Hindi
यह परिवीक्षा अपराधी अधिनियम 1958 के अनुसार उपबंध
परिवीक्षा अधिकारी-अधिनियम की धारा 2(ब) के अन्तर्गत परिवीक्षा अधिकारी वह नियुक्ति अधिनियम की धारा 13 के अन्तर्गत नियुक्त अधिकारी होता है।
अधिकारी की धारा 13 के अन्तर्गत नियुक्त अधिकारी होता है। अधिनियम की धारा 13 के अन्तर्गत
1.परिवीक्षा अधिकारी वह अधिकारी होता है जो कि-
(अ) राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जावे या मान्यता प्राप्त व्यक्ति हो।
(ब) राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा प्रदान किया गया व्यक्ति
(स) किसी विशेष परिस्थितियों में राज्य की यह राय हो कि वह व्यक्ति परिवीक्षा अधिकारी की नियुक्ति के लिये योग्य व्यक्ति है।
2.न्यायालय धारा 4 के अन्तर्गत आदेश पारित करते समय या जिलाधिकारी अपराधी के लिये परिवीक्षा अधिकारी की नियुक्ति कर सकते हैं जो कि न्यायालय या जिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में काम करता है।
3.जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले अपराधी के लिये नियुक्त परिवीक्षा अधिकारी उक्त जिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में काम करता है ।
उच्चतम न्यायालय ने यह राय प्रगट करी कि परिवीक्षा अधिकारी सीधे स्वभाव का तथा विनम्र व्यक्ति होना चाहिये उसको बाल स्वभाव तथा बाल मनोविज्ञान का ज्ञान होना चाहिये।
परिवीक्षा अधिकारी को दण्ड संहिता तथा न्यायालय की कार्यवाही का ज्ञान होना चाहिये
तथा उसे साक्षात्कार की प्रक्रिया में दक्ष होना चाहिये ।
परिवीक्षा अधिकारी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 21 के अनुसार सार्वजनिक अधिकारी माना जाता है।
परिवीक्षा अधिकारी के अधिकार और कर्त्तव्य
The right and duties of Probation Officer
अधिनियम की धारा 14 में परिवीक्षा अधिकारी के अधिकारों व कर्तव्यों का वर्णन किया गया है।
(1) परिवीक्षा के लिये मुक्त किये गये अपराधियों की देखभाल करे और उनकी गतिविधियों पर नियन्त्रण रखना।
(2) परिवीक्षा में रखे गये अपराधियों के सम्बन्ध में अपेक्षित सूचनायें या आँकड़ें एकत्रित करना।
(3) अपराधी को पुनर्स्थापित होने में सहायता प्रदान करना.
(4) अपराधी को अच्छा नागरिक बनने को प्रेरित करना और उनमें अच्छी आदतें उत्पन्न होने के लिए शिक्षा का निर्देशन देना।
(5) बाल न्यायालय द्वारा परिवीक्षा अधिकारी के सम्बन्ध में जो सूचनायें माँगी जावें उनको
(6) वह अपराधी और न्यायालय के मध्य एक कड़ी के रूप में कार्य करना।
(7) समाज और अपराधी के मध्य सामंजस्य स्थापित करना।