Probation meaning in Hindi परिवीक्षा अपराधी अधिनियम-1958

परिवीक्षा क्या है? Probation meaning in Hindi अपराधियों को सुधारने में परिवीक्षा के महत्व का उल्लेख
What is Probation? Discuss its importance for the improvement of criminals?

Probation meaning in Hindi परिवीक्षा का अर्थ 


परिवीक्षा Probation meaning in Hindi-परिवीक्षा या प्रोवेशन शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द ‘प्रोवेयर’ से हुई है। जिसका अभिप्राय परीक्षण करना या सिद्ध (Proof) करना है।


इसका सूत्रपात सर्वप्रथम सन् 1941 में वोस्टन के जौन आगस्टस नाम विधि अपराधी शास्त्र ने किया था। जिसके अन्तर्गत उसने अपराधियों को विधिवत संरक्षण में रखने की प्रथा प्रारम्भ करी ।

अतः परिवीक्षा के अन्तर्गत अपराधी को दण्ड न दिया जाकर उसके सुधार के लिए प्रयत्न किया जाता है।

परिवीक्षा में अच्छे आचरण के आधार पर अपराधी के दण्ड को स्थगित करके कुछ प्रतिबंधों के अधीन स्वयं को सुधरने का अवसर दिया जाता है।


भारतवर्ष में परिवीक्षा के सम्बन्ध में प्रोवेशन आफ प्रोडेण्डर एक्ट 1958 के अनुसार इस सम्बन्ध में यह व्यवस्था है कि

जहाँ कोई व्यक्ति ऐसे अपराध का दोषी सिद्ध पाया जाये,

जोकि मृत्यु दण्ड,या आजीवन कारावास से दण्डित न किया जाने वाला हो और उस न्यायालय जहाँ अपराधी दोषी सिद्ध पाया जाये,

की धारणा हो कि मामले की परिस्थितियों जिनमें अपराध की प्रकृति भी सम्मिलित है को ध्यान में रखते हुये यह अपेक्षित है कि उसको अच्छे चरित्र के कारण परिवीक्षा पर छोड़ा जावे तो अपराधी को दण्डित करने के बजाय न्यायालय उसे जमानत सहित या

रहित ऐसा बंध-पत्र निष्पादित करने पर कि इस अवधि में जो कि ३ वर्ष से अधिक न हो बुलाए जाने पर या प्रस्तुत होने या दण्ड भोगने, उसे अच्छे आचरण के कारण छोड़ देने का निर्देश दे सकता है।


प्रसिद्ध अपराध शास्त्री सदरलैण्ड ने परिवीक्षा के बारे में कहा है कि दोष सिद्ध अपराधी के दण्ड की अवधि में निरीक्षण की वह व्यवस्था है।

जिसमें अच्छे आचरण की शर्त पर उसको स्वतन्त्रता दी जाती है और जिसमें व्यक्तिगत निरीक्षण द्वारा राज्य उसे अच्छे चरित्र निर्माण करने में सहायता देता है।

परिवीक्षा का लाभ या शर्त Probation Benefit


उपरोक्त अध्ययन से निम्न बातें स्पष्ट हो जाती हैं-
(1) परिवीक्षा का लाभ उन अपराधियों को दिया जाता है। जिनका चरित्र अच्छा हो।


(2) ऐसा व्यक्ति किसी अपराध के लिये न्यायालय द्वारा दोषी सिद्ध किया जा चुका हो।


(3) अपराध की प्रकृति और अपराधी के चरित्र को देखते हुए उसके सुधरने की संभावना


(4) परिवीक्षा एक उपचारात्मक व्यवस्था है जिसमें अपराधी को दण्ड दिये जाने के बजाय उसको स्वयं ठीक होने का अवसर दिया जाता है।


(5) यह एक प्रकार की न्यायिक उदारता है जो अपराधी के प्रति सहानुभूति होने के कारण स्वीकृति की जाती है।


(6) परिवीक्षा के लिए अपेक्षित शर्तों व नियमों का उल्लंघन किये जाने पर अपराधी को पुनः कारावास भेजा जा सकता है।


अपराध शास्त्र में परिवीक्षा का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है।

इसका कारण यह है कि आधुनिक युग में अपराध और अपराधियों के प्रति मान्यताएं बदल चुकी हैं।

अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाता है जैसे कि उसकी प्रकृति, आचरण, पारिवारिक स्थिति, संगति बहुत से
अपराध संयोगवश या अनाकारण या आकस्मिक उत्तेजना में आकर हो जाते हैं।

इसके लिए अपराधी को कोई विचार नहीं होता है। ऐसे अपराधी को अवसर प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह परिवीक्षा का लाभ उठाकर भविष्य में अपराध न करे।

परिवीक्षा का उपयोग अपराधियों पर एक प्रगतिशील प्रयोग होता है।

अतः उपचारात्मक दण्ड के प्राविधानों में परिवीक्षा एक बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है।


परिवीक्षा के इतिहास क्या है The history of Probation in Hindi ?


परिवीक्षा की प्रणाली का सूत्रपात नये और अच्छे आचरण वाले अपराधियों को कड़े दण्ड की भावना के लिए हुआ।

उस समय जबकि मृत्यु दण्ड वा आजीवन कारावास का दण्ड दिया जाना एक मान्य और प्रचलित प्रथा के रूप में चल रहा था,

परिवीक्षा के प्राविधान के अपराधियों के प्रति किये जा रहे व्यवहार को एक नया मोड़ दिया।

यूरोप में

मध्य यूरोप में आजीवन कारावास के दण्ड को नौति में परिवर्तन प्रारम्भ होते ही अपराधियों को इंग्लैण्ड से अमेरिका और आस्ट्रेलिया इत्यादि देशों से जहाजों के स्वामी या ठेकेदारों के पास भेजा जाने लगा जो कि आजीवन कारावास का दण्ड पाये व्यक्ति को अपने नियन्त्रण में रखते थे।

सन् 1717 के बाद ब्रिटिश सरकार ने जहाज के स्वामियों का ठेकेदारों को कैदी उस अवधि तक के लिये सेवा की सम्पत्ति के रूप में दिया जाए
जब तक कि उसके कारावास की अवधि समाप्त न हो जाये।
परिवीक्षाको व्यवस्था को प्रोत्साहित करने वाली एक व्यवस्था ‘टिकट ऑफ लीव’ (Ticket of Leave) थी जो कि इंग्लैण्ड और आयरलैण्ड में प्रचलित थी।

अमेरिका में

इसी प्रकार अमेरिका में परिवीक्षा की प्रथा इस रूप में प्रारम्भ हुई कि अपराधी के मित्र या सम्बन्धी इस बात की गारण्टी लेते थे कि आवश्यकता पड़ने पर वे उस अपराधी को न्यायालय में उपस्थित करेंगे।

वोस्टन के एक जूता निर्माता जॉन आगस्टस ने कई ऐसे अपराधियों की जमानत दी जिसके अच्छे आचरण के प्रति आश्वस्त था
और उन लोगों को जेल जाने से बचा लिया। इस परिवीक्षा जैसी व्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिला।
सन् 1951 में अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक परिषद् (United Nations Economic and Social Council) ने संस्तुति दी कि –

विश्व के सभी देशों में अपराधी में कमी लाने और अपराधियों को सुधार करने के लिए परिवीक्षा की प्रणाली लागू की जावे।

प्रायः विश्व के सभी देशों में परिवीक्षा के महत्व को स्वीकारते हुए इस व्यवस्था को अपने देश में लागू किया।

भारत वर्ष में भी पुरानी दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 262 में न्यायालयों को यह स्वेच्छाधिकार दिया गया कि वे अच्छे आचरण वाले अपराधी को उचित प्रतिभूति देने पर छोड़ सके ।

इसके पश्चात् अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की संस्तुति के आधार पर भारत सरकार ने परिवीक्षा के लिए एक कानून बनाया जिसे प्रोवेशन ओफेण्डर एक्ट 1958 कहा जाता है।


क्या शर्ते हैं ? The benefit of probation and conditions

शर्ते जिनके आधार पर अपराधी को परिवीक्षा का लाभ प्रदान किया जा सकता है?


What are the conditions on the basic of which the benefit of probation can be given to offenders?

परिवीक्षा के लिये निम्नलिखित आवश्यक शर्ते हैं-
(1) परिवीक्षा की अवधि निश्चित होती है।


(2) परिवीक्षा का लाभ केवल उन अपराधियों को दिया जाता है जिन्होंने कोई ऐसा गंभीर अपराध न किया हो जिसका दण्ड आजीवन कारावास या मृत्युदण्ड हो ।


(3) प्रायः 21 वर्ष से कम आयु वाले अपराधियों को, जिनको 5 माह का कारावास हुआ हो, परिवीक्षा पर छोड़ दिया जाता है।


(4) परिवीक्षा काल में अपराधी परिवीक्षा अधिकारी के नियन्त्रण में रहता है।


(5) परिवीक्षा के लिए अपराध को प्रतिभूति सहित या रहित बंधपत्र न्यायालय के हक में निष्पादित करना पड़ता है।


(6) केवल ऐसे अपराधियों को ही इसका लाभ मिलता है जिनका चरित्र अच्छा हो और वे भविष्य में अच्छे आचरण का आश्वासन दें।

(7) परिवीक्षा काल में अपराधी सम्बन्धित अधिकारी की आज्ञा के बिना स्थान परिवर्तन नहीं कर सकता है।


(8) अपराधी को परिवीक्षा की अवधि में परिवीक्षा अधिकारी से बराबर सम्पर्क बनाये रखना पड़ता है।


(9) परिवीक्षा काल में अपराधी के व्यवहार पर नियन्त्रण रखा जाता है जैसे कि वह घर पर दो से न लौटे, अपराधी प्रकृत्ति के व्यक्तियों से संगत नहीं करे।


(10) परिवीक्षा काल में अपराधी परिवीक्षा अधिकारी की आज्ञा के बिना आ जा नहीं सकता है, यदि अविवाहित है, तो विवाह नहीं कर सकता है। उसे परिवीक्षा अधिकार द्वारा नियुक्त समय पर घर पर ही रहना पड़ता है।


(11) परिवीक्षा काल में अपराधी-अधिकारी के निरीक्षण यन्त्र में रहता है। अतः उसे अपनी समस्त गतिविधियों को रिपोर्ट परिवीक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करनी पड़ती है। Probation meaning in Hindi

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