नव पाषाण क्रांति या Neolithic age in Hindi , नवपाषाण युग के उपकरण मृदभाण्डों , खेती ,पशुपालन , नव पाषाण युग का समय ,खोज , यूरोप के स्थान , से सम्बंधित इतिहास की जानकारी हिंदी में
Neolithic age -नव पाषाण युग
नव पाषाण युग(New Stone age) में मानव प्रकृति पर निर्भरता और यायावरी जीवन को त्याग कर खाद्य उत्पादक बना और स्थिर जीवन प्रारंभ किया। उसने कृषि तथा पशुपालन को अपनाया तथा मृदभाण्डों (Pots)का निर्माण, गृह निर्माण, कताई-बुनाई तथा काष्ठकारी की कलाओं का विकास किया, इन कार्यों हेतु उसे विशेष उपकरणों की आवश्यकता हुई इसलिये उसने पाषाणीय उपकरणों का निर्माण, घिसाई व चमकाने की विधियों के आविष्कार द्वारा किया।
Neolithic age in Europe- यूरोप में नव पाषाणीय संस्कृति
यूरोप में नव पाषाणीय संस्कृति दक्षिण-पश्चिम एशिया से प्रारंभ होकर दक्षिण पूर्वी यूरोप से होकर अन्ततः पश्चिम व उत्तरी यूरोप में लगभग 6000 ई. पू. तक विस्तारित हुई। यूरोप में खाद्यान्न उत्पादन एवं पशुपालन के प्रारंभिक साक्ष्य ग्रीस (यूनान) के ‘अरगिसा मगूला गांव के टीले से प्राप्त हुये, यहां कृषक लगभग 7000 ई. पू. में गेंहू एवं जौ का उत्पादन एवं भेड़ पालन करते थे।
यूरोप में नव पाषाणीय साक्ष्य 2000 से 3000 ई. पू. मध्य के हैं। यहां नव पाषाणीय संस्कृति सर्वप्रथम क्रीट और ग्रीस में विकसित हुयी तथा मध्य एवं पश्चिमी यूरोप में फैली।
डेनमार्क, स्वीडन तथा उत्तरी जर्मनी में नवपाषाणीय संस्कृति लगभग 2000 ई. पू. में विकसित होना प्रारंभ हुयी।
मध्य यूरोप से इसके साक्ष्य ‘कोलान लिम्भलकल’ से प्राप्त हुये हैं, यहां के कृषकों को डेन्यूबियन्स कहा जाता है, जो कि समत्रिभुजीय घरों में रहते थे।
नवपाषाण संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं
लगभग 4800 वर्ष ईसा पूर्व जब डेन्यूबियन्स लोग पश्चिमी यूरोप के मैदानों में खेती कर रहे थे, मेडीटेरेनियन के तटों पर कृषि के नये आर्थिक आयाम स्थापित हो रहे थे। अलग-अलग जलवायु व परिस्थितिकी ने यूरोप के अलग-अलग क्षेत्रों में निवास की विभिन्न पद्धतियों को जन्म दिया।
मैदानी क्षेत्रों में आवासों के लिये झोपड़ियाँ बनायी जाती थीं, जिनमें फर्श को 2-3 फीट गहरा खोदा जाता था। इन झोपड़ियों का निर्माण पंक्तियों में किया जाता था तथा साथ में लगा स्थान प्रसाधन के लिये प्रयोग होता था ऐल्पस पर्वत के दक्षिणी ढलानों के उत्तरी जर्मनी व मध्य इटली जैसे जल भराव व दलदल वाले क्षेत्रों में आवासों का निर्माण बल्लियों पर किया जाता था। जबकि फ्रांस व स्पेन के पहाड़ी क्षेत्रों में निवास के लिये शिलाओं की शरण ली जाती थी।
बाल्कन क्षेत्र के प्रारंभिक कृषक पकी मिट्टी से बने एक कमरे वाले निवासों में एक प्रकार की संगठित ग्राम इकाईयों में रहते थे। कारानोवो संस्कृति की इन बस्तियों में तत्कालीन मानव काफी लंबे समय तक रहा। झीलनिवास भी इस संस्कृति की एक विशेषता है जिसके महत्वपूर्ण साक्ष्य स्विट्जरलैण्ड की ज्यूरिक झील, जेनेवा झील, व न्यूचैटल झील आदि से मिले हैं। झील के किनारे रहने वाले ये मानव गेहूं, मटर, सेम, जौं व मसूर के उत्पादन के साथ छोटे आकार के सेबों की खेती भी करते थे।
स्टोन हेन्ज -स्मारक
महापाषाणी स्मारकों का प्रसार नव पाषाण काल का एक और महत्वपूर्ण लक्षण है। यह बड़े-बड़े स्मारक-पत्थर या मकबरे थे जो कि मृतकों के स्मृति चिन्ह के रूप में प्रयोग किये गये। महापाषाण स्कैंडिनेवियाई क्षेत्रों, ब्रिटेन, आयरलैण्ड, फ्रांस, स्पेन, पश्चिमी भूमध्यसागरीय तटों, कोर्सिका व माल्टा से प्राप्त हुये हैं। फ्रांस के कृषक 4000 ई. पू. में भी महापाषाण बना रहे थे। सबसे प्रसिद्ध “स्टोन हेन्ज” इंग्लैण्ड के सेल्सबरी मैदानी क्षेत्र में स्थित है। नवपाषाणीय मानव द्वारा मृतकों को विशाल कक्षों में रीतियों से दफनाने के प्रमाण तथा यह तथ्य कि पाषाणों का उपयोग दफनाने के कक्षों में किया जाता था किन्तु निवास स्थानों में नहीं, इस बात को प्रमाणित करते हैं कि मृतकों को विशेष सम्मान, उनके धर्म का एक भाग था।
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि नवपाषाण काल के दौरान, कृषि, पशुपालन, मृदभाण्ड निर्माण, बुनाई, गृहनिर्माण व काष्ठकारी आदि कलाओं का विकास हुआ जो कि आज भी मानव जीवन के लिये आवश्यक हैं।
नवपाषाण युग के उपरांत, लिपि, धातु, राज्य तथा उद्योग ही मानव सभ्यता में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुये हैं, इसलिये नवपाषाण संस्कृति को ‘नवपाषाण क्रांति‘ या ‘मानव समाज की प्रथम क्रांति‘ भी कहा जाता है, जिसके फलस्वरूप एक स्वतंत्र अर्थव्यवस्था का जन्म हुआ एवं मानव ने अपनी विकास यात्रा में एक महान व महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।
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