इंदिरा गाँधी की जीवनी Indira Gandhi Biography in Hindi निबंध

श्रीमती इंदिरा गाँधी की जीवनी( जीवन परिचय) Indira Gandhi Biography in Hindi, संकल्प दिवस,योगदान आदि
Indira Gandhi Biography in Hindi-राष्ट्र प्रेम तो ऐसा स्थायी भाव है जो प्रत्येक राष्ट्रवासी के हृदय में सदैव हिलोरें लेता रहता है। किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की यह अनिवार्यता है कि उस देश का प्रत्येक निवासी अपने राष्ट्र के लिए तन, मन, धन, अपना सर्वस्व उत्सर्ग करने के लिए सदैव तत्पर रहे। राष्ट्र की एकता, अखण्डता और सार्वभौम प्रभुता के लिए कोई समझौता
नहीं किया जा सकता। यही स्थायी भाव किसी भी राष्ट्र को विश्ववंद्य बनाता है।
श्रीमती इंदिरा गांधी का अमर बलिदान प्रत्येक राष्ट्रवासी को राष्ट्र के प्रति सम्पूर्ण निष्ठा से समर्पित होने का संकल्प उठाने के लिए प्रेरित करता है।

संकल्प दिवस

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि को भारत में “संकल्प दिवस” के रूप में मनाया जाता है। यह पुण्य तिथि 31 अक्टूबर को आती हैl

प्रमुख योगदान

प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी में अदम्य साहस और अपूर्व कार्यक्षमता थी जिनका लोहा देशी और विदेशी दोनों मानते थे। देश में हरित क्रांति, राजा महाराजाओं के प्रीविपर्स की समाप्ति, आई.सी.एस. अफसरों के विशेषाधिकार की समाप्ति, थोक व्यापार का राष्ट्रीयकरण आदि कार्य महान् राष्ट्रीय नायक के रूप में इंदिराजी की आज भी गौरव गाथा गा रहे हैं।

स्वतंत्र बंगलादेश का निर्माण और वहाँ के नागरिकों को पाकिस्तान के पाशविक अत्याचारों से मुक्ति इंदिरा गांधी के ही प्रयत्नों का फल है। श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा घोषित 20 सूत्री कार्यक्रम देश में व्याप्त निर्धनता, असमानता, अकर्मण्यता के समूलोन्मूलन की दिशा में एक ठोस कदम है।
इंदिराजी के इन कार्यों से प्रेरणा लेने तथा देश सेवा का संकल्प लेने के लिए प्रतिवर्ष विद्यालयों में इस दिवस को मनाया जाता है। तथा उनकी जयंती के दिन उन्हें याद किया जाता है।


इंदिरा गांधी का जीवन परिचय Indira Gandhi Biography in Hindi

इंदिरा गांधी का बचपन का नाम प्रियदर्शिनी था। इन्हें घर में प्यार से इन्दू कहते थे। इनका जन्म 19 नवम्बर सन् 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ। इनके
जन्म के अवसर पर पंडित नेहरू को बधाई देते हुये श्रीमती सरोजनी नायडू ने लिखा कि आपके घर भारत की एक नई आत्मा ने जन्म लिया है। इस नूतन आत्मा का हार्दिक स्वागत, शत्-शत् अभिनंदन। आनन्द भवन में पण्डित मोतीलाल नेहरू जी के यहां एक मुंशी मुबारक अली काम करते थे। आनन्द भवन के सब लोग उनकी बहुत इज्जत करते थे।

जब वह बहुत बीमार थे, तब एक दिन मोतीलाल जी उन्हें देखने गये। तब वे मोतीलाल जी से बोले-“भाई साहब! मैं जवाहर के बच्चे को खिलाये बिना मर नहीं सकता।” कुछ दिन बाद ही इंदिरा जी का जन्म हुआ तो मोतीलाल जी उसे एक चादर में लपेट कर अली साहब के पास ले गये।
बच्चे को देखकर उन्हें इतनी खुशी मिली कि उनकी आँखों से आँसू टपकने लगे।
फिर उन्होंने कहा-“मुबारक हो भाई साहब! खुदा करे बच्चे को जीवन में सब सुख मिले और वह जवाहर के नाम को ऐसे ही चमकाये जैसे जवाहर ने आपके नाम को। आपका पोता नेहरू खानदान की शान बढ़ायेगा। इतना कहकर अली साहब बेहोश हो गये।
ईश्वर ने उनकी अंतिम इच्छा पूर्ण कर दी थी। वे अपने जीवन से पूर्ण सन्तुष्ट होकर चिर निद्रा में लीन हो गये। उन्हें मालूम नहीं था कि वह बच्चा मोतीलाल की पोती है।

इंदिरा गांधी जी की शिक्षा

खैर जो भी हो उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई।
इन्दिरा गांधी के परिजनों के अक्सर जेल जाने के कारण उनकी शिक्षा की व्यवस्था उचित ढंग से नहीं हो पाई थी। उनकी शिक्षा महाराष्ट्र के पूना नगर में गुजराती स्कूल से प्रारम्भ हुई। कुलीन परिवार की बालिका इन्दू खूब खर्च कर सकती थी, किन्तु उन्होंने अपने सहपाठियों में कभी भी अपनी सम्पन्नता का दिखावा नहीं किया। वे उन सबके मध्य बड़े प्रेम से रहती थी। वे अध्ययन के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेती थी। उन्हें व्यायाम का भी शौक था।
उन्हें विभिन्न भाषाओं का अच्छा ज्ञान था। अपनी मातृभाषा हिन्दी जैसा ही गुजराती पर भी उनका पूर्ण अधिकार था। संस्कृत और बंगला भाषा की अच्छी जानकारी प्राप्त कर ली थी। अंग्रेजी पर उनका असामान्य अधिकार था।
पूना के बाद स्विट्जरलैण्ड में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। बाद में उन्हें शिक्षा प्राप्ति हेतु शांति निकेतन भेजा गया। चंचला, उत्साही तथा कुशाग्र बुद्धि इंदिरा से प्रभावित होकर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने नेहरू जी को लिखा-‘आपकी पुत्री में आप जैसा ही उत्साह व जीवन शक्ति है, आदर्श है, उसके सभी गुरुजन उसकी प्रशंसा करते हैं और वह छात्रों में अति लोकप्रिय है।’ उन्होंने इंग्लैण्ड के समरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में अपनी शिक्षा पूर्ण की।
पण्डित नेहरू ने जेल में इंदिरा को कई पत्र लिखे, जिनके माध्यम से उन्होंने उसे कई विषयों की शिक्षा दी। बाद में ये सभी पत्र एक पुस्तक के रूप में छपकर सार्वजनिक निधि बन गये।

इंदिरा गांधी का विवाह

किशोरी इंदिरा का विवाह 27 मार्च 1942 को एक पारसी युवक फिरोज गांधी से हुआ। इंदिरा के राजीव व संजय नामक दो पुत्र हुये। 1944 से लेकर 1946 तक उन्होंने पारिवारिक जीवन ही व्यतीत किया। अपने पिता के साथ अधिक व्यस्त रहने के कारण उन्हें अपने पति का ज्यादा साथ नहीं मिल सका। 1960 में फिरोज गांधी का हृदयाघात से देहान्त हो गया।


राजनीतिक जीवन

इंदिरा गांधी के राजनीतिक जीवन की शुरूआत शैशवावस्था से ही प्रारम्भ हो गई थी। इस सन्दर्भ में इंदिराजी ने स्वयं एक बार कहा था-‘
-‘मेरा सार्वजनिक जीवन तो तीन वर्ष की अवस्था से ही शुरू हो गया था। मुझे दूसरे बच्चों के साथ खेलने-कूदने
की कोई घटना याद नहीं आती। एक नन्हीं बालिका के रूप में मेरा मन पसन्द काम था-ऊँची मेज पर खड़े होकर घर के नौकरों के सामने जोर-जोर से भाषण देना।’ छः वर्ष की अल्पायु में गांधीजी के असहयोग आन्दोलन के दौरान उन्होंने चरखा-संघ में भाग लिया।
दस वर्ष की आयु में उन्होंने वानर सेना के रूप में हम उम्र के बच्चों की एक पलटन तैयार की जिसने राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सन्देश एक-दूसरे तक पहुँचने का
महत्वपूर्ण कार्य किया। वानर सेना यह भी ध्यान रखती थी कि कहाँ-कहाँ लाठी प्रहार हुआ, कहाँ कौन घायल हुआ। घायलों की सेवा-सुश्रूषा करना भी सेना का काम था। इस तरह शैशवावस्था में ही इंदिरा गांधी की विलक्षण प्रतिभा प्रदर्शित हो चुकी थी।
पूना के बोर्डिंग स्कूल में रहते हुए उन्होंने बारह वर्ष की उम्र में हरिजनों के उद्धार और उत्थान के लिये प्रशंसनीय कार्य किये।

क्रांग्रेस की सदस्यता

1938 में वह कांग्रेस की सदस्य बनी और तब से वे जीवन पर्यन्त सच्ची लगन से देश सेवा करती रही। 1938 में पहली बार उन्हें तेरह माह के कारावास का दण्ड मिला। कारावास से जब वे बाहर आई तक उनमें आन्दोलन में भाग लेने का दुगुना जोश था। विवाह के छः माह बाद इंदिरा और फिरोज को जेल में ठूस दिया गया, पर भला वे जेल जीवन से कहाँ भयभीत होने वाली थी।
1959 में इंदिरा जी का व्यक्तित्व राष्ट्रीय स्तर पर उभर कर सामने आ गया।
इन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। एक वर्ष की अध्यक्षता के दौरान उनकी सफलताओं ने उनको देश का बड़ा नेता बना दिया। इंदिराजी विभिन्न संस्थाओं की सदस्य रही।

भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री

Indira Gandhi Biography in Hindi-16 जनवरी 1966 का दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन था। इस दिन जो अभूतपूर्व घटना हुई उससे पूरा विश्व चकित हुआ। इस दिन श्रीमती इंदिरा गांधी भारी बहुमत से भारत की प्रधानमंत्री चुनी गई। भारत के लिये यह बहुत गौरवपूर्ण बात थी कि इतने बड़े प्रजातंत्र की एक महिला को प्रधानमंत्री बनाया गया।
प्रधानमंत्री के रूप में वे केवल सफल ही नहीं रही, अपितु वे विश्व में एक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली प्रधानमंत्री सिद्ध हुई। यहां तक कि जनता उनको दुर्गा का अवतार भी मानने लगी। इंदिराजी के महान् व्यक्तित्व की अनेक घटनाएं है, अनेक प्रेरक प्रसंग है। सन् 1972 में इंदिराजी को भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया।

आपरेशन ब्लू स्टार

धर्म को राजनीति से जोड़ने के कितने दुःखद व भयानक परिणाम निकलते हैं उसका जीता जागता उदाहरण अकालियों द्वारा खालिस्तान की अनुचित माँग और उसे मनवाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेने की हठधर्मी इसको समर्थन मिला विदेशों में रह रहे तथाकथित सिखों से जो केवल पैसे कमाने के लिए अपना देश छोड़कर विदेशों में जा बसे हैं।

पंजाब में स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र पूजा के स्थान को आतंकवादियों ने अपनी सैनिक हवस का अड्डा बनाकर अपवित्र कर दिया जहाँ सिखों के गुरु स्वयं अपने हथियार बाहर छोड़कर प्रवेश करते थे। उसी मंदिर में भारी मात्रा में आधुनिकतम हथियारों का अपार भण्डार एकत्रित किया गया था। हर प्रकार की वार्ता विफल जो जाने और प्रतिदिन आतंकवाद क्रूर और भयानक हो जाने पर श्रीमती इन्दिरा गांधी को 6 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर में सैनिक कार्यवाही करने पर विवश हो जाना पड़ा, फिर भी सेना को सख्त आदेश थे कि स्वर्ण मन्दिर पर एक भी गोली न दागी जाए, चाहे उधर से गोलियों की बौछार क्यों न होती रहे। इस कार्यवाही को अपमान महसूस किया गया। इन्दिराजी इससे अवगत थीं।

इंदिरा गांधी की मृत्यु( Indra Gandhi Death )

शायद उन्हें अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था इसलिये अपनी शहादत से पूर्व एक जनसभा में उन्होंने कहा था-‘अगर मुझे कुछ हो गया तो मेरे रक्त का एक-एक कतरा देश के काम आयेगा।’ दूसरे ही दिन 31 अक्टूबर, 1984 को उन्हीं के दो अंगरक्षक बेअन्तसिंह एवं सतवन्तसिंह ने गोलियों से भून दिया। देश की मशाल बुझ गई लेकिन विलक्षण प्रतिभा, स्वतंत्र विचार संकल्प की धनी, कठोर अनुशासन, बुलंद इरादों वाली यह शख्शियत मर कर भी अमर है।Indira Gandhi Biography in Hindi

श्रीमती इंदिरा गांधी की जयन्ती (19 नवम्बर) अथवा संकल्प दिवस (31 अक्टूबर) को देश में उनकी याद में मनाया जाता है।

उम्मीद है Indira Gandhi Biography in Hindi आपको जरूर पसंद आया होगा ।

प्रश्नोत्तरी (Frequently Asked Questions)

1. इंदिरा गाँधी हत्या कांड कब हुआ था ?

उत्तर -1984

2.फिरोज गाँधी किस धर्म से आते थे ?

उत्तर -पारसी धर्म

3.भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री कौन थी ?

उत्तर – इंदिरा गाँधी

4. इंदिरा गाँधी के कार्यकाल की प्रमुख घटनाये क्या थी ?

उत्तर – बैंकों का राष्ट्रीयकरण ,आपातकाल , भारत पाकिस्तान युद्ध व बांग्लादेश की स्थापना ,

5. इंदिरा गाँधी का किस नाम से पुकारा जाता था ?

उत्तर – आयरन लेडी

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी

संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस