राजपूत काल के राजवंश History of Rajput in Hindi-Rajput Ruler List राजपूत इतिहास से सम्बंधित सामान्य जानकारी Rajputana History
राजपूत काल-History of Rajput in Hindi
(काल : 800-1200 ई.) History of Rajput in Hindi
हर्ष के पश्चात् देश में किसी केन्द्रीय सत्ता का अस्तित्व न रहा। देश की राजनीतिक एकता छिन्न-भिन्न हो गई और अनेक छोटे-छोटे राज्यों का उदय हुआ। इनमें से अनेक राजपूत राज्य कहलाए। राजपूत शब्द संस्कृत के राजपुत्र का बिगड़ा हुआ रूप है।
कल्हण की ‘राजतरंगिनी’ व ‘कुमारपालचरित्’ में 36 राजपूत कुलों का वर्णन मिलता है।
नोट:- तिथिक्रम की दृष्टि से गुर्जर-प्रतिहार राजपूतों में सबसे पहले आए।
राजपूतों के उदय के संबंध में निम्नलिखित प्रमुख मत दिए गए हैं-
डी.आर. भण्डारकर व ईश्वरी प्रसाद ने भारतीय समाज में विदेशी मूल के लोगों के सम्मिलित होने को ही राजपूतों के उत्पत्ति का कारण माना है।
वी.ए. स्मिश के अनुसार शक् तथा कुषाण जैसी विदेशी जातियाँ यहाँ के समाज में पूर्णतः घुलमिल गईं। इन देशी व विदेशी जातियों के मिश्रण से ही राजपूतों की उत्पत्ति हुई ।
राजपूतों के उदय के अग्निकुण्ड का सिद्धांत चन्दरबरदाई’ ने दिया।
सोलंकी वंश
संस्थापक -मूलराज प्रथम (947 ई.)
क्षेत्र- गुजरात (अन्हिलवाड़)
प्रसिद्ध शासक : भीम प्रथम
इसी के समय 1025 ई. में मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर में आक्रमण किया था।
परमार शासक भोज को पराजित किया।
इसके शासनकाल में माउंटआबू के प्रसिद्ध जैन मंदिर ‘दिलवाड़ा जैन मंदिर का निर्माण इसके सामंत विमल के द्वारा किया गया।
प्रसिद्ध शासक : जससिंह (1094-1153 ई.)
“सिंहराज’ की उपाधि धारण की थी।
जैन आचार्य हेमचंद को संरक्षण प्रदान किया था।
प्रसिद्ध शासक : कुमारपाल
इसने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया।
प्रसिद्ध शासक : मूलराज द्वितीय
मूलराज द्वितीय ने 1178 ई. में मोहम्मद गौरी को पराजित किया।
मूलराज द्वितीय के भाई भीम द्वितीय को 1187 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने पराजित किया।
नोट:- ” मूलराज द्वितीय ने पृथ्वीराज चौहान को भी पराजित किया था।
मोधेरा में बड़ौदा के निकट सूर्य मंदिर का निर्माण इस वंश के काल में ‘वस्तुपाल’ और ‘तेजपाल’ ने करवाया।
गहड़वाल वंश
संस्थापक -चन्द्रदेव
राजधानी- कन्नौज
अंतिम प्रसिद्ध शासक : जयचंद (1170-1193 ई.)
दरबारी- श्रीहर्ष
रचना -नैषधचरित
पुत्री- संयोगिता
युद्ध – चन्दावर (1194 ई.) जयचंद विरूद्ध मोहम्मद गोरी। परिणाम – जयचंद मारा गया।
चौहान वंश
संस्थापक वासुदेव
राजधानी- अजमेर (अजय राज ने स्थापित किया।)
प्रारंभिक राजधानी अहिच्छत्र
प्रथम प्रसिद्ध शासक : विग्रहराज
विग्रहराज ने अजमेर का संस्कृत कॉलेज बनवाया था, जिसके खण्डहर में कुतुबुद्दीन ऐबक ने ‘ढाई दिन का झोपड़ा’ बनवाया था।
इसके दरबारी कवि सोमदेव ने’ललितविग्रहराज’ की रचना की।
द्वितीय प्रसिद्ध शासक : पृथ्वीराज चौहान
इन्हें ‘राय पिथौरा’ भी कहा जाता है।
पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर दिल्ली को जीत करके राजधानी बनाया।
दरबारी कवि -चन्द्रबरदाई
रचना -‘पृथ्वीराज रासो’
इसने कन्नौज की राजकुमारी ‘संयोगिता का अपहरण करके विवाह किया था।
इसने तराईन का दो युद्ध लड़ा था-
(1) तराईन का प्रथम युद्ध (1191 ई.) पृथ्वीराज चौहान विरूद्ध मोहम्मद गौरी पृथ्वीराज चौहान जीता।
(2) तराईन का द्वितीय युद्ध (1192 ई.) पृथ्वीराज चौहान विरूद्ध मोहम्मद गौरी ,मोहम्मद गौरी की विजय जयचंद द्वारा धोखा देने के कारण पृथ्वीराज चौहान पराजित हुआ तथा उसकी हत्या कर दी गई।
नोट:- बिजौलिया शिलालेख में चौहानों की पूरी वंशावली मिलती है।
तोमर वंश
तोमर शासकों ने दिल्ली शहर बसाया।
परमार वंश
क्षेत्र -मालवा
संस्थापक -उपेन्द्र कृष्णराज
प्रारंभिक राजधानी – उज्जैन
परवर्ती राजधानी- धार
प्रसिद्ध शासक : राजा भोज
इसने धारनगरी बसाया तथा इसको राजधानी बनाया।
इसने भोपाल स्थित सबसे बड़ी झील भोजताल का निर्माण करवाया व भोजनगर’ बसाया।
राजा भोज ने धार में सरस्वती मंदिर बनवाया। इसे मुस्लिम शासकों ने तोड़वाकर ‘कमालपासा’ मस्जिद बनवाया।
वर्तमान में हिन्दू-मुस्लिम के मध्य विवाद का कारण है।
चित्तौड़ में त्रिभुवन नारायण मंदिर का निर्माण कराया।
प्रथम शासक : वाक्पतिमुंज
इसके दरबार में ‘नवसाहसांक चरित’ के लेखक पद्मगुप्त निवास करते थे।
चालुक्य शासक तैलप द्वितीय को 6 बार युद्ध में पराजित किया।
नोट:- नवसाहसांक चरित् के रचयिता पद्मगुप्त व दशरूपक के रचयिता धनंजय इस वंश के राजा ‘मुंज’ के दरबार में थे।
कश्मीर का शासन
कार्कोट वंश
संस्थापक -दुर्लभवर्धन
प्रसिद्ध शासक – ललितादित्य, मुक्तपीड़
दरबारी कवि-भवभूति (कन्नौज से प्राप्त)
रचना- मालती माधव
इसने मार्तण्ड मंदिर का निर्माण कराया।
उत्पल वंश
संस्थापक- अवन्तिवर्मन
नोट:- इस वंश के राजा क्षेमगुप्त की पत्नी दिददा ने 50 वर्षों तक शासन किया।
लोहार वंश History of Rajput in Hindi
प्रसिद्ध शासक : हर्ष
हर्ष को कश्मीर का नीरों कहा जाता है।
. दरबारी कवि -कल्हण
रचना -राजतरंगिनी (12वीं सदी)
अंतिम शासक : जयसिंह
सेन वंश (बंगाल)
संस्थापक- सामन्त सेन
इस वंश के शासक वल्लालसेन ने दानसागर व अद्भुतसागर ग्रंथ (खगोल) की रचना की।
शासक विजयसेन ने विजयपुर की नींव डाली, जो सेन वंश की राजधानी थी।
विजयसेन ने प्रद्युम्नेश्वर मंदिर की नींव डाली।
प्रसिद्ध शासक : लक्ष्मण सेन
दरबारी कवि- जयदेव (रचना: गीतगोविन्द)
चंदेल वंश
राजधानी – कालिन्जर/महोबा, फिर खजुराहो
(प्राचीन नाम – जैजाक भुक्ति (जयसिंह के नाम पर) क्षेत्र बुन्देलखण्ड
संस्थापक -नन्नुक (831 ई.)
प्रथम शासक : यशोवर्मन
इसने कालिंजर पर प्रभुत्व स्थापित किया और महोबा को अपनी राजधानी बनाया।
चतुर्भुज मंदिर का निर्माण
इसने खजुराहो में खर्जूरवाहक मंदिर का निर्माण भी कराया।
खजुराहो मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया।
इसने खजुराहो के प्रसिद्ध कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण करवाया।
द्वितीय शासक : धंगदेव
खजुराहो मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण करवाया।
राजधानी महोबा से खजुराहो स्थानांतरित की।
इसे चंदेलों की वास्तविक स्वाधीनता का संस्थापक माना जाता है।
इसने ‘महाराजाधिराज’ की उपाधि धारण की।
तृतीय शासक : विद्याधर
कन्नौज के प्रतिहार शासक राज्यपाल की महमूद गजनवी के समक्ष बिना युद्ध के आत्मसमर्पण कर देने के कारण हत्या कर दिया।
इसने महमूद गजनवी से शांति समझौता किया।
महत्वपूर्ण तथ्य –
‘धंग राजपूत इसी चंदेल शाखा से संबंधित हैं।
कीर्तिवर्मन की सभा में कृष्ण मिश्र रहता था, जिसने ‘प्रबोध चन्दोदय’ की रचना की।
आल्हा व उदल नामक दो सेनापति परमार्दिदेव के दरबार में थे।
कलचुरी वंश
संस्थापक -कोकल्ल प्रथम (845 ई.)
राजधानी- त्रिपुरी (जबलपुर)
इसी वंश के शासकों ने बाद में छ.ग. में शासन किया।
कल्चुरि नरेश गांगेयदेव के सिक्कों पर लक्ष्मीजी की विशिष्ट आकृति चिन्हित है।
गांगेयदेव ने ‘विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
शासक ‘युवराज’, जिसने ‘केयूरवर्ण’ की उपाधि धारण की, के दरबार में राजशेखर रहता था, जिसने ‘काव्यमीमांशा’ व ‘विद्वसालमंजिका’ की रचना की।
गंग वंश History of Rajput in Hindi
संस्थापक- इन्द्रवर्मा प्रथम
क्षेत्र – ओडिशा
प्रथम शासक : अनंतवर्मन चोडगंग
इसने पुरी के ‘जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया।
द्वितीय शासक : नरसिंहवर्मन चोडगंग
कोणार्क के सूर्य मंदिर’ का निर्माण करवाया।
Map Of Rajput dynasty

One Line Question Answer-Rajput History in Hindi
1.राजपूत वंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर -मूलराज
2.राजपूत विदेशी मूल के सम्मिलित होने का कारण किसने माना है ?
उत्तर -डी.आर. भण्डारकर व ईश्वरी प्रसाद
3.देशी व विदेशी जातियों के मिश्रण से ही राजपूतों की उत्पत्ति हुई किसने कहा है ?
उत्तर -वी.ए. स्मिश
4.सोलंकी वंश के संस्थापक हैं ?
उत्तर -मूलराज प्रथम
5.किस शासक के समय मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर में आक्रमण किया था ?
उत्तर -भीम प्रथम
6.’दिलवाड़ा जैन मंदिर का निर्माण किसने करवाया ?
उत्तर -सामंत विमल
7.जयसिंह ने किसकी उपाधि धारण किया था ?
उत्तर -सिंहराज
8.सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किसने करवाया ?
उत्तर -कुमारपाल
9.किसने मोहम्मद गौरी को पराजित किया ?
उत्तर -मूलराज द्वितीय
10.भीम द्वितीय को किसने पराजित किया ?
उत्तर -कुतुबुद्दीन ऐबक
11.पृथ्वीराज चौहान को किस राजपूत शासक ने पराजित किया ?
उत्तर -मूलराज द्वितीय
12.गहड़वाल वंश के संस्थापक कौन है ?
उत्तर -चन्द्रदेव
13.गहड़वाल वंश के अंतिम शासक कौन था ?
उत्तर -जयचंद
14.किस युद्ध में जयचंद मारा गया ?
उत्तर -चन्दावर
15.चौहान वंश के संस्थापक कौन है ?
उत्तर -वासुदेव
16.’ललितविग्रहराज’ की रचना किसने की ?
उत्तर -सोमदेव
17.’राय पिथौरा’ किसे कहा जाता है ?
उत्तर -पृथ्वीराज चौहान
18.तराईन का प्रथम युद्ध किसके बीच हुआ ?
उत्तर -पृथ्वीराज चौहान विरूद्ध मोहम्मद गौरी
19.तराईन का द्वितीय युद्ध किसके बीच हुआ ?
उत्तर -पृथ्वीराज चौहान विरूद्ध मोहम्मद गौरी
20.परमार वंश के संस्थापक कौन था ?
उत्तर -उपेन्द्र कृष्णराज
21.धारनगरी को किसने बसाया ?
उत्तर -राजा भोज
22.कार्कोट वंश के संस्थापक कौन है ?
उत्तर -दुर्लभवर्धन
23.कश्मीर का नीरों किसे कहा जाता है ?
उत्तर -हर्ष
24.उत्पल वंश के संस्थापक कौन था ?
उत्तर -अवन्तिवर्मन
25.सेन वंश के संस्थापक कौन है ?
उत्तर -सामन्त सेन
26.दानसागर व अद्भुतसागर ग्रंथ (खगोल) की रचना किसने किया ?
उत्तर -वल्लालसेन
27.चंदेल वंश के संस्थापक कौन था ?
उत्तर -नन्नुक
28.खजुराहो मंदिर का निर्माण किसने करवाया ?
उत्तर -यशोवर्मन
29.कलचुरी वंश के संस्थापक कौन है ?
उत्तर -कोकल्ल प्रथम
30.गंग वंश के संस्थापक कौन था ?
उत्तर -इन्द्रवर्मा प्रथम