तत्पुरुष समास : परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास की परिभाषा -इस समास में  उत्तर पद प्रधान होता है तथा  पूर्व पद गौण होता है |प्रायः उत्तरपद विशेष्य और पूर्वपद विशेषण होता है|

उदाहरण ” रसोई के लिए घर ” यहाँ ‘ घर ‘विशेष्य है और ‘रसोई के लिए ‘विशेषण है |

समास  प्रक्रिया में विभक्तियों का लोप तो होता ही है ,कभी -कभी बीच में आने वाली अनेक पदों का भी लोप हो जाता है |

जैसे ‘दहीबड़ा ‘का विग्रह है ‘ दही में डूबा हुआ बड़ा ‘|समास होने पर ‘ में डूबा हुआ ‘तीनो पद लुप्त हो गए हैं |

तत्पुरुष समास के भेद

-समास के निम्नलिखित भेद हैं
(i) कर्म तत्पुरुष – जहाँ पूर्वपद में कर्मकारक की विभक्ति का लोप हो, वहाँ कर्म तत्पुरुष होता है। उदाहरण
समस्त पद विग्रह
ग्रामगत ग्राम को गया हुआ
गृहागत गृह को आया हुआ
परलोकगमन परलोक को गमन
मरणासन्न मरण को पहुँचा हुआ
यशप्राप्त यश को प्राप्त


(II) करण तत्पुरुष – जहाँ पूर्व पक्ष मे करण कारक की विभक्ति का लोप हो, वहाँ ‘करण तत्पुरुष’ होता है। उदाहरण
समस्त पद विग्रह
कष्टसाध्य कष्ट से साध्य
अकालपीड़ित अकाल से पीड़ित
अनुभवजन्य अनुभव से जन्य
ईश्वरप्रदत ईश्वर द्वारा प्रदत
गुणयुक्त गुण से युक्त


(iii) संप्रदान तत्पुरुष – जहाँ समास के पूर्व पक्ष में संप्रदान तत्पुरुष समास होता है जैसे
समस्त पद विग्रह
आरामकुर्सी आराम के लिए कुर्सी
क्रीड़ाक्षेत्र क्रीड़ा के लिए क्षेत्र
गुरुदक्षिणा गुरु के लिए दक्षिणा
गौशाला गौ के लिए शाला
पाठशाला पाठ के लिए शाला


(iv) अपादान तत्पुरुष – जहाँ समास के पूर्व पक्ष में अपादान की विभक्ति अर्थात से (विलग)’ का भाव हो, वहाँ अपादान तत्पुरुष समास होता है। जैसे
समस्त पद विग्रह
ऋणमुक्त ऋण से मुक्त
गुणहीन गुणों से हीन
जन्मांध जन्म से अंधा
जातिच्युत जाति से च्युत
देशनिकाला देश से निकाला


(v) संबंध तत्पुरुष – जहाँ समास के पूर्व पक्ष में संबंध तत्पुरुष की विभक्ति अर्थात का, के, की का लोप हो, वहाँ संबंध तत्पुरुष समास होता है जैसे
समस्त पद विग्रह
अछूतोद्वार अछूतों का उद्धार
अमृतधारा अमृत की धारा
आज्ञानुसार आज्ञा के अनुसार
उद्योगपति उद्योग का पति
कनकघट कनक का घट


(vi) अधिकरण तत्पुरुष– जहाँ अधिकरण कारक की विभक्ति अर्थात में, पर का लोप होता है, वहाँ अधिकरण तत्पुरुष समास होता है जैसे
समस्त पद विग्रह
आत्मविश्वास आत्म पर विश्वास
आनंदमग्न आनंद में मग्न
आपबीती आप पर बीती
कलानिगुण कला में निपुण
कानाफूसी कानों में फुसफुसाहट


(vii) नज तत्पुरुष – जहाँ समस्तपद में पहला पद नकारात्मक (अभावात्मक) हो, उसे नज तत्पुरुष कहते हैं। जैसे
समस्त पद विग्रह
अकर्मण्य न कर्मण्य
अनादी न आदि
अजर न जर
अधीर न धीर
अधर्म न धर्म

समास  के समस्त प्रकारों की जानकारी के लिए पढ़िए  समास (Samas in Hindi)

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